Summer Internship with Aam Aadmi Party – Hemant Meharchandani from IIT Kanpur
Monthly Winner – People’s Choice Award
Weekly Winner (Popular Choice & Editorial Choice) for – 9th Aug – 15th Aug 2013
Daily Winner for: – 10th August 2013
Name of the intern: – Hemant Meharchandani
Institute: – IIT Kanpur
Organization interned with: – Aam Aadmi Party
मार्च के माह की अंतिम शाम; अपने कमरे में कुर्सी पर बैठे हुए अपने भविष्य, अपने आने वाले सत्र की अंतिम परीक्षा की तैयारी की सोच में मैं डूबा हुआ। साथ ही मन में आने वाली गर्मियों के अवकाश में कुछ ऐसा करने का मन बनाता हुआ जिससे ना केवल स्वयं को, बल्कि इस देश को भी कुछ लाभ पहुंच सकूँ । इसी सोच को लेकर किसी NGO में कार्य करने की मंशा से काफी समय तक इधर उधर प्रयास करता रहा। इन्ही प्रयासों के दौरान Internshala (एक Intern पोर्टल वेबसाइट) पर आम आदमी पार्टी में summer internship का एक विज्ञापन देखा। और बस यही पल था जहाँ से असली हिंदुस्तान को, या फिर ये कहूँ कि आज के हिंदुस्तान को मुझे भीतर से देखने का मौका मिलने वाला था। वो विज्ञापन देखते ही मैंने उस Internship के लिए आवेदन पत्र भर दिया। सौभाग्य से मेरा वो आवेदन स्वीकार हुआ एवं मैं तैयार हुआ अपने देश की असली “यात्रा” के लिये।
15 मई को मैं पहुंचा कौशाम्बी, गाज़ियाबाद जहाँ से ये सफ़र आरम्भ होने वाला था। बाहर से देखने में एक छोटे से घर सा प्रतीत होने वाला यही वह स्थान था जहाँ से छः माह पूर्व इस देश से भ्रष्टाचार नाम की गंदगी को साफ़ करने का बीड़ा उठाया गया था। भीतर प्रवेश लेने पर जैसे ही मैं वहां के और लोगों से मिला, जिनमे मेरे साथी Intern एवं Internship के दौरान हमारे साथ होने वाले Mentor (मार्गदर्शक) भी थे, ना केवल मैं खुश हुआ बल्कि काफी भौंचक्का भी रह गया क्योंकि जिस तरह का उन लोगों का ज्ञान एवं अनुभव था एवं जिस तरह से बिना कोई पैसों के लालच के वहां अपना पूरा समय इस देश को दे रहे थे वह अत्यंत सराहनीय था । मेरे इंटर्न साथियों में से मुख्यतर IIT से पढ़ रहे थे या फिर इस देश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों से लॉ का अध्ययन कर रहे थे। न केवल मेरे इंटर्न साथी बल्कि हमारे सभी मेंटर भी IIM या फिर IIT से पढ़े हुए थे और वे सभी अपनी जेब भरने की बजाये अपने सभी काम छोड़कर अपना पूरा समय इस देश के लिए और AAP के लिए दे रहे थे, ये ही अपनेआप में हमे अपने जी जान से काम करने के लिए प्रेरणा देने का काफी बड़ा स्त्रोत था ।अगला ही दिन था जब मुझे एक ऐसा अनुभव प्राप्त हुआ जो पहले तो कभी नहीं हुआ था और शायद आगे भी कभी न हो । दिल्ली के एक बहुत ही “दिग्गज” नेता से मिलने के लिए AAP के लोगों ने उनके घर जाने का निश्चय किया ताकि उनसे ये जाना जा सके की आखिर पिछले 15 वर्षों में दिल्ली में उन्होंने क्या काम करवाया है । ये एक साधारण वार्तालाप का आधे घंटे का सत्र होना था जहाँ हम बस हमारे कुछ प्रश्न पूछ कर जाने वाले थे जिनका उन्हें जवाब देना था। हमारे आने की सूची उन्हें पहले ही लिखित रूप में कर दी गयी थी और जिस पर उनके द्वारा हस्ताक्षर भी किये गए । परन्तु, जैसे ही अगले दिन हम सभी लोग उनके घर के बाहर पहुंचे , पुलिसवालों की फौज आई और सभी को ले जाकर हवालात में बंदी बना लिया गया । मैं तो जैसे स्तब्ध सा रह गया की आखिर ये हो क्या गया !! क्या हमारे ही चुने हुए नेता से हमे ही बात करने की इजाजत नहीं है? हमारे ही चुने हुए इन जनता के नौकरों से क्या उनके काम का हिसाब लेना कोई असवेंधानिक बात है? असली रंगमंच तो आगे देखने को मिला जब हम लोग हवालात में पहुंचे, जब पुलिस वालों को ये ज्ञात हुआ की ये सभी लोग काफी अच्छे घर से एवं काफी पढ़े लिखे हैं तो जेल में ही हमारे लिए समोसे, पेटिस, कोल्ड ड्रिंक आदि का इन्तेजाम कर दिया गया । हमने वो खाया तो बड़े चस्के लेकर परन्तु मैं मन में ये सोच रहा था की जब हम जैसे लोग जिनकी अभी तक इस देश में कोई पहचान नहीं है उनके लिए इतना कुछ हो रहा है तो वो लोग जो की बड़े नेता हैं उन्हें जब जेल में डाला जाता होगा तो न जाने क्या क्या खातिरगिर्दी होती होगी!! आखिरकार 7 घंटे तक बंद रहने के बाद और काफी विरोध के बाद शाम को करीब 5 बजे हमे छोड़ दिया गया । परन्तु ये सब होने के बाद मुझे महसूस हुआ की आज भी बस हम कहने के लिए आज़ाद हैं, बस फरक इतना है पहले गौरों के गुलाम थे और आज अब अपने ही रंग वाले लोगों के।
अब हमारा मुख्य उद्देश्य था नवम्बर माह में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव, जिसमे पहली बार AAP भी हिस्सा लेने वाली थी, एवं हमारा एक मात्र लक्ष्य था वो चुनाव जीतना। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें हैं, इसलिए हम सभी Interns को अलग अलग निर्वाचन क्षेत्र में बाँट दिया गया। मुझे नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र दिया गया । अब हमारे कार्य का सबसे मुख्य उद्देश्य था लोगों को आम आदमी पार्टी के बारे में बताना एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को साथ में जोड़ना । इसके लिए Camapaigning किस तरह की जाए , इसकी रुपरेखा बनाना शुरू किया गया, इसके साथ ही सभी इलाकों में पिछले 3 चुनावों के रुझान देख कर अलग अलग जगह के लिए अलग अलग योजनायें बनायीं गयी । दोपहर में ये काम किया जाता और शाम को असली आधारकर्म किया जाता जिसमे एक बंद कमरे में बनी योजनाओं को सच में कार्य में लाना होता था, लोगों से बात करनी होती थी, जागरूक करना होता था और सबसे बड़ी बात असलियत जानने को मिलती थी कि आखिर हम खड़े कहाँ हैं ।
काफी समय तक ये काम करने के बाद अब समय था लोगों से AAP के बारे में राए जानने का और पता लगाने का की आखिर जनता क्या सोचती है AAP के बारे में , और ये करने के लिए एक सर्वेक्षण तैयार किया गया और दिल्ली के विभिन्न भागों से जनता से तरह तरह की राय ली गयी जैसे की उनकी वर्तमान समस्याएँ एवं AAP से उनकी उम्मीदें आदि । ये ऐसा वक़्त था जहाँ कुछ ऐसे सच और कुछ ऐसी जगहों से रूबरू हुए जो कि हम कभी सोच भी नहीं सकते । एक ऐसी ही जगह थी काली बाड़ी मार्ग पे बनी झुग्गी झोपड़ियाँ, वहां का आलम कुछ इस प्रकार का था कि ३ नालों के बीच में स्तिथ थी वो झुग्गी झोपड़ियाँ, वहां लोग रह तो न जाने कैसे रहे थे – वहां दो पल सांस लेना भी मानो दूबर सा हो रहा था, तीन दिन से बिजली नहीं आई थी, पानी लेने के लिए ना जाने कितना दूर चल कर जाना पड़ता था। परन्तु ऐसी स्तिथि होने के बाद भी वे लोग वहां के MLA एवं वहां में सत्ता में बैठी सरकार के ऐसे गुण गा रहे थे जैसे मानो कि सरकार उन लोगों को घी से भरे घड़े दे रही हो । और ये पल था जब मैं इस देश की इतनी ख़राब स्तिथि होने की वजह से रूबरू हुआ और वो था लोगों को अपने ही हक के बारे में मालूम ना होना। उन्हें इस बात का शायद एहसास भी नहीं था कि जितना पैसा वो टैक्स के रूप में सरकार को दे रहे हैं उसका 0.0001% भी उन लोगों पर खर्च नहीं किया जा रहा था, जो उनका हक था वो उन लोगों को अदा नहीं किया जा रहा था।
समय बीतता जा रहा था एवं आँखें खुलती जा रही थी, रोज ऐसे सच से सामना हो रहा था जो शायद सपने भी हमने न सोचा हो और ये हाल था नई दिल्ली का, दिल्ली के भी उस भाग का जो न केवल दिल्ली में बल्कि इस देश के सबसे पॉश इलाकों में गिना जाता है। मेरी Internship के अब करीब 30 दिन बीत चुके थे। आखरी 15 दिनों में अब वहां फिर से काम करना था जहाँ लोग अब भी “हमसे” नहीं जुड़ पाए थे , हाँ हमसे, क्योंकि अब AAP केवल एक पार्टी नहीं एक परिवार सा बन गया था जिसके हम सभी लोग सदस्य थे। इसके लिए अब हमने जगह जगह स्थानीय प्रभारी बनाने का कार्य प्रारंभ किया जिनका कार्य था न केवल खुद जुड़े रहना बल्कि अपने आस पास के परिवारों को भी हमसे जोड़ना। नई दिल्ली में करीब तीन हजार स्थानीय प्रभारी बनाये गए। उन स्थानीय प्रभारियों की अरविन्दजी के साथ बैठक करवाई गयी, उन लोगों को उनकी जिम्मेदारियां समझाई गयीं आदि । इन कार्यों के साथ साथ मतदाता सूची को भी जगह जगह जाकर जांचा गया, फर्जी मतदाताओं का सूची में से नाम काटा गया एवं जिनके मतदाता कार्ड अब तक नहीं बने थे उनका नाम लिखा गया।
अब इस सफ़र के चंद अंतिम दिन शेष थे, इस दौरान काम के अलावा काफी अच्छे दोस्त भी बन गए थे जिनके साथ अपनी जिन्दगी का काफी अच्छा समय भी बिताया। अब उन लोगों से दूर जाने का भी दुःख था पर ख़ुशी थी तो शायद इस बात कि अगर स्वतंत्रता के इस दुसरे “संग्राम” से कुछ बदलाव आया तो शायद एक छोटा सा हाथ इसमें मेरा भी होगा। काफी ऐसे लोग हैं जिनका मैं इस लेख में वर्णन भी नहीं कर पाया हूँ परन्तु वो लोग सच में इस युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श के रूप में हैं।
अंत में इस देश के लोगों से कुछ कहना चाहूँगा कि इस देश की हालत सच में बहुत खराब है | ये नेता तो शायद कभी भी नहीं बदलेंगे परन्तु यदि हम कुछ “पढ़े-लिखे” लोग अब भी नहीं बदल पाए तो शायद वो दिन दूर नहीं जब हम अपने ही देश में अपने ही नेताओं के गुलाम बनकर रह जायेंगे, ये एक अवसर है शायद जिससे क्रांति आ पाए इस देश में और हो पायें हम सही मायनो में आजाद। ये केवल एक Internship नहीं थी, एक यात्रा थी सच्चे हिंदुस्तान की, सच्चे भारत की।
आप साथ दीजिये, बदलाव आएगा, जरुर आएगा …
Was this interesting? If yes, please hit the ‘Like’ button below and help Hemant become the winner of the month and win the prize (Rs. 5,000/-) that he truly deserves!
If you wish to participate, send in your entry here: http://www.internshala.com/your-internship-story
Kudos to Hemant .. Really commendable Job ..
I wish I could have such option when I was in IIT .. :-( .. Anyways, I am still doing and will keep doing my bit to the extent possible …
Well written Article too !!
Hemant, you were so brave to take up AAP for internship. It clearly shows how passionate, dedicated and a free thinker you are! Keep writing your heart out- it could be motivating tonic for many of us!!
Can someone provide an English version of this? Internship with AAP sounds interesting.
Hemant Bro,
All the very best for your IIT future. Hope your this internship with Aam Aadmi Party will spread all over the country. And this step of your choice would create positive direction for the growth of AAP in delhi as well as entire country.
@Faraz
will post in a couple of days
Reading the article on the knowledge gained by Hemant Meharchandani in his internship program with AAP has enlightened me. Khudos to Hemant to have shared his knowledge gained with his experience.
gr8 job , u do with ur bit , now its my trun , m vote for AAP
Wow, very impressive. I wish you all the best and I hope this internship inspire a lot more to take this bold step you took. And all the best to AAP as well.
Great & Impressive
is it possible to translate the whole article in English.
Really appreciable work. I fully support AAP.
All political/ social establishment works like this only. Hemant has seen only AAP so have become impressive. If you work with RSS you will be more impressed.
I am not able to understand how IITian does a project in political party? Its not an industrial project. Perhaps its pity of my country, nobody want to do his job!!!
@pradeep, I don’t think so…. I joined AAP because I believe and have faith in their ideologies which I don’t have in any other political party in India and alongwith being an IITian I am an Indian also and what’s the use of being IITian or anything if your own country is in situation like this.. what if after being even an IITian, I can’t do research or a decent job in my country just because of not enough opportunities, corruption and dirty politics… It doesn’t matter what you are, what matters is how can you bring a change or want to bring a change and this was my choice of bringing a change and do something for my country and my society…. @Pradeep